वक़्त मिला तो सोचेंगे..

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क्यों तू अच्छा लगता है
वक़्त मिला तो सोचेंगे।
तुझ में क्या क्या देखा है
वक़्त मिला तो सोचेंगे।

सारा शहर शनासाई का
दावेदार तो है लेकिन
कौन हमारा अपना है
वक़्त मिला तो सोचेंगे।

हमने उसको लिखा था
कुछ मिलने की तदबीर करो
उसने लिखकर भेजा है
वक़्त मिला तो सोचेंगे।

मौसम, खुशबू, बादे-सबा,
चाँद, शफक और तारों में
कौन तुमारे जैसा है
वक़्त मिला तो सोचेंगे।

या तो अपने दिल की मानो
या फिर दुनिया वालों की
मशवरा उसका अच्छा है
वक़्त मिला तो सोचेंगे।

क्यों तू अच्छा लगता है
वक़्त मिला तो सोचेंगे।

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